संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा (UPSC Exam) की तैयारी करने वालों में एक नाम इन दिनों काफी चर्चा में है ‘खान सर’। अपना नाम, मोबाइल नंबर और पता कभी न बताने की शर्त पर किसी और की कोचिंग में पढ़ाना शुरू करने वाले खान सर अब भौतिक केंद्र ‘खान जीएस रिसर्च सेंटर’ से ज्यादा अपनी ऑनलाइन कक्षाओं के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपना यूट्यूब चैनल 2019 में शुरू किया था।
आज उनके 17 मिलियन यानी 1.7 करोड़ YouTube सब्सक्राइबर हैं। खान सर अपनी अनूठी और मजाकिया शिक्षण शैली के कारण छात्रों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं। वह करंट अफेयर्स और जीएस को इतने सरल तरीके से समझाते हैं कि छात्र भी उनके दीवाने हो जाते हैं।
पढ़ाने की अपनी अनूठी शैली के लिए जाने जाने वाले खान सर फिर से सुर्खियों में हैं। इस बार वह शिक्षा या किसी छात्र आंदोलन को लेकर सुर्खियों में नहीं हैं। खान सर इस बार अपनी एक तस्वीर को लेकर सुर्खियों में हैं जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
खान सर की इस तस्वीर के वायरल होने के बाद कहा जा रहा है कि वह जल्द ही राजनीति में आने की तैयारी कर रहे हैं, खान साहब चुनाव भी लड़ सकते हैं. दरअसल लोजपा (आर) प्रमुख चिराग पासवान के साथ पटना वाले खान साहब की फोटो भी वायरल हो रही है. वायरल हो रही इस तस्वीर में खान सर चिराग पासवान से मिलते और बातचीत करते नजर आ रहे हैं। दोनों बेहद गंभीर मुद्रा में बैठे हैं.
इस तस्वीर के सामने आने के बाद से खान सर के राजनीति में आने की चर्चा शुरू हो गई है.एक बार पहले भी खान सर के राजनीति में आने की चर्चा खूब हुई थी. फिर उन्हें एक प्रचार वाहन में भी देखा गया, जिसके बाद से इसकी चर्चा होने लगी।
पटना के सर खान अनोखे अंदाज में पढ़ाते हैं
पटना के रहने वाले सर खान अपने अनोखे अंदाज में पढ़ाने के लिए जाने जाते हैं.वह सरकारी नौकरियों के लिए भी ठेठ अंदाज में उम्मीदवारों को तैयार करते हैं. उनके पढ़ाने के अनोखे तरीके के कारण छात्र आसानी से उनसे जुड़ जाते हैं यही कारण है कि खान सर के यूट्यूब चैनल पर 20 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर हैं। जो कि किसी भी एजुकेशनल चैनल में एक बहुत बड़ा रिकॉर्ड है। छात्रों के साथ-साथ अन्य लोग भी मोटिवेट होने के लिए खान सर के वीडियो देखते रहते हैं।
बच्चों के लिए 107 करोड़ का पैकेज बाकी है
खान साहब ने एक बार बताया था कि उन्हें पढ़ाने के लिए 107 करोड़ रुपये का पैकेज ऑफर किया गया था, लेकिन उन्होंने गरीब बच्चों के लिए इसे ठुकरा दिया। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि उन्हें यह ऑफर किसने दिया। उनका कहना है कि फीस न देने के कारण ऐसा न कभी हुआ है और न कभी होगा कि कोई बच्चा केंद्र से बिना पढ़ाई किए लौट जाए। इस दौरान उनका कहना है कि जीवन के लिए जिस तरह ऑक्सीजन जरूरी है, उसी तरह पढ़ाई भी जरूरी है। फीस हमारे देश की संस्कृति नहीं है। हमारे देश की संस्कृति गुरु दक्षिणा है। इसलिए हम अपने सेंटर में बच्चों से बहुत कम फीस लेते हैं।
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